श्री नरसिंह जी की आरती–2

Narsingh Bhagwan

आरती कीजै नरसिंह कुँवर की

आरती कीजै नरसिंह कुँवर की।वेद विमल यश गाऊँ मेरे प्रभुजी॥

पहली आरती प्रह्लाद उबारे।हिरणाकुश नख उदर विदारे॥

दूसरी आरती वामन सेवा।बलि के द्वार पधारे हरि देवा॥

तीसरी आरती ब्रह्म पधारे।सहसबाहु के भुजा उखारे॥

चौथी आरती असुर संहारे।भक्त विभीषण लंक पधारे॥


पाँचवीं आरती कंस पछारे।गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले॥

तुलसी को पत्र कण्ठ मणि हीरा।हरषि-निरखि गावें दास कबीरा॥

।।इति श्री नरसिंह जी आरती समाप्त।।

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