हनुमान जी के कौन से पाठ से क्या लाभ ?

Shri Ram

मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाकर हनुमान जी की पूजा करने से सभी रोग-दोषों और संकटों से मुक्ति मिलती है। धार्मिक ग्रंथों में हनुमान जी के कुछ ऐसे विशेष मंत्र बताए गए हैं जिनके जाप से जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। हनुमान कलियुग के देवता हैं, जो तुरंत प्रसन्न होकर भक्तों के सभी तरह के कष्ट को दूर करते हैं। तो आइये जानते हैं कि हनुमान जी की कौन-से पाठ (कौन-सी साधना) किस तरह के कष्ट मिटाने में खास सहायक होते है।

सुंदरकांड:-
अगर आपकी कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति खराब है तो मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाएं और सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करें। माना जाता है कि जिस पर हनुमान जी की कृपा हो, यमराज भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। इसके अलावा आपको मांस-मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

हनुमान चालीसा:-
जो व्यक्ति नित्य सुबह और शाम हनुमान चालीसा पढ़ता रहता है उसे कोई भी व्यक्ति बंधक नहीं बना सकता। उस पर कारागार का संकट कभी नहीं आता। यदि किसी व्यक्ति को अपने कुकर्मों के कारण कारागार (जेल) हो गई है, तो उसे संकल्प लेकर क्षमा-प्रार्थना करना चाहिए और आगे से कभी किसी भी प्रकार के कुकर्म नहीं करने का वचन देते हुए हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें। हनुमानजी की कृपा हुई तो कारागार से ऐसे व्यक्ति मुक्त हो जाते हैं।

बजरंग बाण:-
बहुत से व्यक्ति उनके कार्यो और व्यवहार से लोगों को नाराज कर देते हैं, इससे उनके शत्रु बढ़ जाते हैं। कुछ लोगों को साफ बोलने की आदत होती है जिसके कारण उनके भी शत्रु होते हैं। अगर आप हर तरह से अच्छे हैं फिर भी लोग आपकी तरक्की से जलते हो तो वह भी आपके विरुद्ध षड्‍यंत्र रचते है। ऐसे समय में आपका साथ देने के लिए श्री बजरंग बाण आपको बचाता है और शत्रुओं को उनके कर्मो का दंड देते है। इसका पाठ एक जगह बैठकर अनुष्ठानपूर्वक 21 दिन तक करना चाहिए और हमेशा सच्चाई के रासते पर चलने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि हनुमानजी सिर्फ पवित्र लोगों का ही साथ देते हैं।

हनुमान बाहुक:-
यदि आप गठिया, वात, सिरदर्द, कंठ रोग, जोड़ों का दर्द आदि तरह के दर्द से परेशान हैं, तो जल का एक पात्र सामने रखकर हनुमान बाहुक का 26 या 21 दिनों तक मुहूर्त देखकर पाठ करें। प्रतिदिन उस जल को पीकर दूसरे दिन दूसरा जल रखें। हनुमानजी की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ाओं से आपको मुक्ति मिल जाएगी।

हनुमानाष्टक:-
किसी भी प्रकार का कैसा भी बड़ा और भीषण संकट हो संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ अत्यंत प्रभावकारी माना है। हनुमान जयंती पर इस पाठ से हर बाधा का नाश होता है और संकटों का अंत होता है। इस पाठ का प्रारंभ मंगलवार से करना सबसे अच्छा माना जाता है। एक खास बात ये है कि ये पाठ कभी भी व कहीं भी किया जा सका है। हां यदि आप जल्द ही कुछ खास फल चाहते हैं तो इसे करने की विधि हनुमान बाहुक की तरह ही है।


हनुमान मंत्र:-
यदि आप अंधेरे, भूत-प्रेत से डरते हैं या किसी भी प्रकार का भय है तो आप ॐ हं हनुमंते नम: का रात को सोने से पूर्व हाथ-पैर और कान-नाक धोकर पूर्वाभिमुख होकर 108 बार जप करके सो जाएं। कुछ ही दिनों में धीरे-धीरे आपमें निर्भीकता का संचार होने लगेगा।

हनुमान मंदिर:-
प्रति मंगलवार एवं शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर गुड़ और चना अर्पित करें और घर में सुबह-शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें। पाठ करने के पहले और बाद में आधे घंटे तक किसी से बात न करें। जब 21 दिन पूरे हो जाएं तो हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। हनुमानजी तुरंत ही घर में सुख-शांति कर देंगे।

शनि ग्रह पीड़ा से मुक्ति:-
हनुमान जी की कृपा जिन पर होती है, उस इंसान का शनि और यमराज बाल बांका नहीं कर सकते। आप शनि ग्रह की पीड़ा से छुटकारा पाने के लिए प्रति मंगलवार हनुमान मंदिर श्रधा से जाएं और शराब व मांस के सेवन से दूर रहें। इसके साथ ही शनिवार को सुंदरकांड या हनुमान चालीसा पाठ करे जिससे शनि भगवान आपको लाभ देने लगेंगे।

यदि गृह कलह से हैं परेशान तो:-
हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर जाकर गुड़ और चना अर्पित करें और घर में सुबह-शाम हनुमान चालीसा का पाठ करके आधे घंटे तक घर मे किसी से बात न करें। जब 21 दिन पूरे हो जाएं तो हनुमानजी को चोला चढ़ाएं।

हनुमानजी का शाबर मंत्र:-
हनुमानजी का शाबर मंत्र अत्यंत ही सिद्ध मंत्र है। इसके प्रयोग से हनुमानजी तुरंत ही आपके मन की बात सुन लेते हैं। इसका प्रयोग तभी करें जबकि यह सुनिश्चित हो कि आप पवित्र व्यक्ति हैं। यह मंत्र आपके जीवन के सभी संकटों और कष्टों को तुरंत ही चमत्कारिक रूप से समाप्त करने की क्षमता रखता है। हनुमानजी के कई शाबर मंत्र हैं तथा अलग-अलग कार्यों के लिए हैं। यहां प्रस्तुत हैं दो मंत्र।

साबर अढाईआ मंत्र :-
॥ ॐ नमो आदेश गुरु को, सोने का कड़ा,
तांबे का कड़ा हनुमान वन्गारेय सजे मोंढे आन खड़ा ॥

शाबर मंत्र :-
ॐ नमो बजर का कोठा, जिस पर पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला, हमारे आठो आमो का जती हनुमंत रखवाला।

उक्त मंत्र के साधना के नियम, समय, स्थान और मंत्र जाप की संख्‍या और दिन को किसी योग्य पंडित या साधु से जानकर ही जपें।

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