 
                  भोग आरती–आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन
                  आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
दुर्योधन को मेवा त्यागो,
                  साग विदुर घर खायो प्यारे मोहन,
                  आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
भिलनी के बैर सुदामा के तंडुल
                  रूचि रूचि भोग लगाओ प्यारे मोहन…
                  आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
वृदावन की कुञ्ज गली मे,
                  आओं रास रचाओ मेरे मोहन,
                  आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
राधा और मीरा भी बोले,
                  मन मंदिर में आओ मेरे मोहन,
                  आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
गिरी, छुआरा, किशमिश मेवा,
                  माखन मिश्री खाओ मेरे मोहन,
                  आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
सत युग त्रेता दवापर कलयुग,
                  हर युग दरस दिखाओ मेरे मोहन,
                  आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
जो कोई तुम्हारा भोग लगावे
                  सुख संपति घर आवे प्यारे मोहन,
                  आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
ऐसा भोग लगाओ प्यारे मोहन
                  सब अमृत हो जाये प्यारे मोहन,
                  आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
जो कोई ऐसा भोग को खावे
                  सो त्यारा हो जाये प्यारे मोहन,
                  आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
                  ।।इति श्री कृष्ण जी आरती समाप्त।।
