श्री कृष्ण जी की आरती-3

Kunj-Bihari

आरती ॐ जय श्री कृष्ण हरे

ॐ जय श्री कृष्ण हरे प्रभु जय श्री कृष्ण हरे
भक्तन के दुःख सारे पल में दूर करे || ॐ जय ||

परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी
जय रस रास बिहारी जय जय गिरधारी || ॐ जय ||

कर कंकन कोटि सोहत कानन में बाला
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला || ॐ जय ||

दीन सुधामा तारे दरिद्रों के दुःख टारे
गज के फंद छुड़ाऐ भव सागर तारे || ॐ जय ||

हिरन्यकश्यप संहारे नरहरि रूप धरे
पाहन से प्रभु प्रगटे जम के बीच परे || ॐ जय ||

केशी कंस विदारे नल कूबर तारे
दामोदर छवि सुन्दर भगतन के प्यारे || ॐ जय ||

काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे
फन-फन नाचा करते नागन मन मोहे || ॐ जय ||

राज्य उग्रसेन पाए माता शोक हरे
द्रुपद सुता पत राखी करुणा लाज भरे || ॐ जय ||

।।इति श्री कृष्ण जी आरती समाप्त।।

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