श्री कृष्ण जी की आरती-5

Kunj Bihari

आरती हे गोपाल कृष्णा करूँ आरती तेरी
हे गोपाल कृष्णा करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं
सांझ-सवेरे तेरे गुण गाउँ
प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी
हे गोपाल कृष्णा करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी
ये माटी का कण है तेरा
मन और प्राण भी तेरे
मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया
तुम हो भगवन मेरे
हे गोपाल कृष्णा करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी
कान्हा तेरा रूप अनुपम,
मन को हरता जाये
मन ये चाहे हरपल अंखियां,
तेरा दर्शन पाये
दर्श तेरा, प्रेम तेरा, आश है मेरी
हे गोपाल कृष्णा करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी..
।।इति श्री कृष्ण जी आरती समाप्त।।

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