बारिशों की छम छम में – नवरात्रि भजन

Durga Maa

बारिशों की छम छम में बारिशों की छम छम में, तेरे दर पे आए है ।

मेहरावाली मेहरा कर दे, झोलियाँ सबकी भर दे ।
बिजली कड़क रही है, हम थम के आए है ।
मेहरावाली मेहरा कर दे, झोलियाँ सबकी भर दे ॥

कोई बूढी माँ के संग आया, कोई तनहा हुआ तैयार ।
कोई आया भक्तो की टोली में, कोई पूरा परिवार ।
सबकी आँखे देख रही, कब पहुंचे तेरे द्वार ।
छोटे छोटे बच्चो को, संग लेकर आए है ॥

बारिशों की छम छम में, तेरे दर पे आए है ।
मेहरावाली मेहरा कर दे, झोलियाँ सबकी भर दे ॥

काली घनघोर घटाओ से, जम जम कर बरसे पानी ।
आगे बढ़ते ही जाना है, भक्तो ने यही है ठानी ।
सबकी आस यही है, के मिल जाए तेरा प्यार ।
भीगी भीगी पलकों पर, सपने सजाए है ॥

बारिशों की छम छम में, तेरे दर पे आए है ।
मेहरावाली मेहरा कर दे, झोलियाँ सबकी भर दे ॥

तेरे ऊँचे भवन पे माँ अम्बे, रहते है लगे मेले ।
मीठा फल वो ही पाते है, जो तकलीफे झेले ।
दुःख पाकर ही सुख मिलता है, भक्ति का ये सार ।
मैया तेरे दरश के, दिवाने आए है ॥

बारिशों की छम छम में, तेरे दर पे आए है ।
मेहरावाली मेहरा कर दे, झोलियाँ सबकी भर दे ॥


रिम झिम ये बरस रहा पानी, अमृत के लगे समान ।
इस अमृत में भीगे पापी, तो बन जाए इंसान ।
कर दे मैया रानी कर दे, हमपे भी उपकार ।
हमने भी जयकारे, जम जम के लगाए है ॥

बारिशों की छम छम में, तेरे दर पे आए है ।
मेहरावाली मेहरा कर दे, झोलियाँ सबकी भर दे ॥

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