साप्ताहिक आरती संग्रह
सप्ताह दिवस ७
आरती जय शनिदेव जी
चार भुजा तहि छाजै,गदा हस्त प्यारी ।
जय शनिदेव जी ॥
रवि नन्दन गज वन्दन,यम अग्रज देवा ।
कष्ट न सो नर पाते,करते तब सेवा ॥
जय शनिदेव जी ॥
तेज अपार तुम्हारा,स्वामी सहा नहीं जावे ।
तुम से विमुख जगत में,सुख नहीं पावे ॥
जय शनिदेव जी ॥
नमो नमः रविनन्दन,सब ग्रह सिरताजा ।
बन्शीधर यश गावे,रखियो प्रभु लाजा ॥
जय शनिदेव जी ॥
।।इति श्री शनिदेव जी की आरती समाप्त।।