मन की मुरादें, पूरी कर माँ: भजन

Durga Maa

मन की मुरादें, पूरी कर माँ, दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।
तेरा दीदार होगा, मेरा उद्धार होगा, हलवे का भोग मैं लगाउंगी ।

तू है दाती दान देदे, मुझ को अपना जान कर ।
भर दे मेरी झोली खाली, दाग लगे ना तेरी शान पर ।
सवा रुपया और नारीयल, मैं तेरी भेंट चढ़ाउंगी ॥

मन की मुरादें, पूरी कर माँ, दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।
तेरा दीदार होगा, मेरा उद्धार होगा, हलवे का भोग मैं लगाउंगी ।

छोटी छोटी कन्याओं को, भोग लगाऊं भक्ति भाव से ।
तेरा जगराता कराऊं, मैं तो बड़े चाव से ।
लाल द्वजा लेकर के माता, तेरे भवन पे लहराउंगी ॥

मन की मुरादें, पूरी कर माँ, दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।
तेरा दीदार होगा, मेरा उद्धार होगा, हलवे का भोग मैं लगाउंगी ।

महिमा तेरी बड़ी निराली, पार न कोई पाया है ।
मैंने सुना है, ब्रह्मा, विष्णु शिव ने, तेरा गुण गाया है ।
मेरी औकात क्या है, तेरी माँ बात क्या है, कैसे तुझ को भुलाउंगी ॥

मन की मुरादें, पूरी कर माँ, दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।
तेरा दीदार होगा, मेरा उद्धार होगा, हलवे का भोग मैं लगाउंगी ।


लाल चोला लाल चुनरी, लाल तेरे लाल हैं ।
तेरी जिस पर हो दया माँ, वो तो मालामाल है ।
श्यामसुंदर और लक्खा बालक हैं तेरे, उनको भी संग मैं लाउंगी ॥

मन की मुरादें, पूरी कर माँ, दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।
तेरा दीदार होगा, मेरा उद्धार होगा, हलवे का भोग मैं लगाउंगी ।

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