कृष्णं कलय सखि

lord Krishna

रागं: मुखारि
तालं: आदि

कृष्णं कलय सखि सुंदरं बाल कृष्णं कलय सखि सुंदरं

कृष्णं कथविषय तृष्णं जगत्प्रभ विष्णुं सुरारिगण जिष्णुं सदा बाल
कृष्णं कलय सखि सुंदरं

नृत्यंतमिह मुहुरत्यंतमपरिमित भृत्यानुकूलं अखिल सत्यं सदा बाल
कृष्णं कलय सखि सुंदरं

धीरं भवजलभारं सकलवेदसारं समस्तयोगिधारं सदा बाल
कृष्णं कलय सखि सुंदरं

शृंगार रसभर संगीत साहित्य गंगालहरिकेल संगं सदा बाल
कृष्णं कलय सखि सुंदरं


रामेण जगदभिरामेण बलभद्ररामेण समवाप्त कामेन सह बाल
कृष्णं कलय सखि सुंदरं

दामोदरं अखिल कामाकरंगन श्यामाकृतिं असुर भीमं सदा बाल
कृष्णं कलय सखि सुंदरं

राधारुणाधर सुतापं सच्चिदानंदरूपं जगत्रयभूपं सदा बाल
कृष्णं कलय सखि सुंदरं

अर्थं शितिलीकृतानर्थं श्री नारायण तीर्थं परमपुरुषार्थं सदा बाल
कृष्णं कलय सखि सुंदरं

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें