दशावतार स्तुति

Dashavatara

नामस्मरणादन्योपायं न हि पश्यामो भवतरणे ।
राम हरे कृष्ण हरे तव नाम वदामि सदा नृहरे ॥

वेदोद्धारविचारमते सोमकदानवसंहरणे ।
मीनाकारशरीर नमो भक्तं ते परिपालय माम् ॥ 1 ॥

मंथानाचलधारणहेतो देवासुर परिपाल विभो ।
कूर्माकारशरीर नमो भक्तं ते परिपालय माम् ॥ 2 ॥

भूचोरकहर पुण्यमते क्रीडोद्धृतभूदेवहरे ।
क्रोडाकारशरीर नमो भक्तं ते परिपालय माम् ॥ 3 ॥

हिरण्यकशिपुच्छेदनहेतो प्रह्लादाऽभयधारणहेतो ।
नरसिंहाच्युतरूप नमो भक्तं ते परिपालय माम् ॥ 4 ॥

भवबंधनहर विततमते पादोदकविहताघतते ।
वटुपटुवेषमनोज्ञ नमो भक्तं ते परिपालय माम् ॥ 5 ॥


क्षितिपतिवंशक्षयकरमूर्ते क्षितिपतिकर्ताहरमूर्ते ।
भृगुकुलराम परेश नमो भक्तं ते परिपालय माम् ॥ 6 ॥

सीतावल्लभ दाशरथे दशरथनंदन लोकगुरो ।
रावणमर्दन राम नमो भक्तं ते परिपालय माम् ॥ 7 ॥

कृष्णानंत कृपाजलधे कंसारे कमलेश हरे ।
कालियमर्दन लोकगुरो भक्तं ते परिपालय माम् ॥ 8 ॥

दानवसतिमानापहर त्रिपुरविजयमर्दनरूप ।
बुद्धज्ञाय च बौद्ध नमो भक्तं ते परिपालय माम् ॥ 9 ॥

शिष्टजनावन दुष्टहर खगतुरगोत्तमवाहन ते ।
कल्किरूपपरिपाल नमो भक्तं ते परिपालय माम् ॥ 10 ॥

नामस्मरणादन्योपायं न हि पश्यामो भवतरणे ।
राम हरे कृष्ण हरे तव नाम वदामि सदा नृहरे ॥

।। इति दशावतार स्तुतिः ।।

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